अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी परिषद् का मुख्य उद्देश्य

  • शिक्षण-प्रशिक्षण
  • अनुसंधान और
  • अंतर्राष्ट्रीय प्रचार-प्रसार

के माध्यम से हिन्दी भाषा को बढ़ावा देने के लिए कार्य करना है।

अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी परिषद् का मुख्य लक्ष्य हिन्दी भाषा को भारत की राष्ट्रभाषा और विश्व की संपर्क भाषा के रुप में प्रोन्नत करना है।

संस्था निम्न कार्य क्षेत्र में अपने सेवा प्रारूपों को सुचारू रूप से उन्नत कर रही है :


आदरणीय भारत वासियों भाई एवं बहनों मैं हृदय नारायण मिश्रा राष्ट्रीय चेयरमैन एवं संस्थापक अंतरराष्ट्रीय हिंदी परिषद का गठन 2014 फरवरी माह में किया गया था परिषद का गठन मानव सेवा समाज सेवा देश सेवा एवं हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए किया गया है परिषद का प्रधान कार्यालय का उद्घाटन आदरणीय श्रीमान लोकेंद्र बहादुर चंद्र जी पूर्व प्रधानमंत्री नेपाल देश के कर कमलों द्वारा किया गया है आप नेपाल से 22 सदस्यों के साथ उपस्थित होकर परिषद के कार्यालय का उद्घाटन किए एवं हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए अपना आशीर्वाद प्रदान किए हृदय नारायण मिश्रा अपने पदाधिकारियों के साथ मिलकर आदरणीय प्रधानमंत्री जी का भव्य स्वागत प्रधान कार्यालय में किए परिषद द्वारा हमेशा समाज सेवा में उत्कृष्ट कार्य किए जा रहे हैं परिषद का गठन भारत वर्ष के लगभग 22 राज्यों में किया जा चुका है लोग श्रद्धा भक्ति के साथ हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए परिषद का सहयोग दे रहे हैं और समाज की सेवा में परिषद हमेशा बढ़ चढ़कर कार्य कर रहा है

परिषद का प्रमुख उद्देश्य है

  • हिंदी को राष्ट्रीय भाषा घोषित किया जाए वह एक विषय के रूप में पूरे भारतवर्ष में प्रत्येक स्कूल कॉलेजों में पढ़ाया जाए
  • महिलाओं पर हो रहे घरेलू हिंसा व अत्याचार एवं कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए प्रत्येक घर के लोगों को जागृत करना पुरुषों में जागरूकता लाना
  • मेधावी निधि और सहाय छात्रों को सहयोग प्रदान करना
  • अनाथ माता-पिता को सहयोग प्रदान करवाना
  • वृक्षारोपण आसपास सफाई रखने के लिए लोगों को जागृत करना
  • असहाय परिवार के कन्याओं के विवाह हेतु सहायता प्रदान करवाना
  • समय-समय पर रक्तदान शिविर लगाकर लोगों को रक्तदान करने के लिए उत्साहित करना
  • अनाथ विकलांग बच्चों को छात्रों को उनके सुविधा के लिए स्कूल बैग एवं स्टेशनरी एवं साइकिल प्रदान करवाने का कार्यक्रम करना
  • जरूरतमंद लोगों को समय-समय पर वस्त्र वितरण करना
  • हिंदी को आगे बढ़ाने के लिए माध्यमिक उच्च माध्यमिक विद्यालयों को परीक्षा के समय कोचिंग क्लास करके उनका सहयोग करवाना
  • छात्राओं के शिक्षा पर विशेष सहयोग प्रदान करना एवं अति विशिष्ट लोगों से सहयोग करवाना
  • अस्पतालों में जाकर असहाय मरीजों को खाद्य सामग्री फल दवाई इत्यादि वितरण करवाना
  • गंगा प्रदूषण व गंदगी ना करने के लिए लोगों को जागृत करना
  • सत्य अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए देशवासियों को जागृत करना आदि अनेक उद्देश्यों के साथ अंतरराष्ट्रीय हिंदी परिषद पूरे भारतवर्ष में गठन करने का बीड़ा उठाया है जन-जन तक हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है परिषद में हर राज्य में जिला में वार्ड में गठन करके सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया जाता है कि आप अधिक से अधिक लोगों को जोड़ें उन्हें हिंदी के बारे में अवगत कराएं प्रत्येक राज्य के राज्यपाल महोदय को हिंदी के लिए ज्ञापन देना मुख्यमंत्री को अवगत कराना यह परिषद का मूल उद्देश्य है जिससे हमारा देश एक पूर्ण स्वतंत्र देश होने के कारण हिंदी को राष्ट्रभाषा अवश्य बनाना चाहिए यह उद्देश्य के साथ परिषद लगातार आगे बढ़ता चला जा रहा है

मुख्य अनुभाग


कार्यक्रम एवं आयोजन

May 8, 2014

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May 7, 2014

मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा जी

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May 6, 2014

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