अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी परिषद् का मुख्य उद्देश्य
- शिक्षण-प्रशिक्षण
- अनुसंधान और
- अंतर्राष्ट्रीय प्रचार-प्रसार
के माध्यम से हिन्दी भाषा को बढ़ावा देने के लिए कार्य करना है।
अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी परिषद् का मुख्य लक्ष्य हिन्दी भाषा को भारत की राष्ट्रभाषा और विश्व की संपर्क भाषा के रुप में प्रोन्नत करना है।

संस्था निम्न कार्य क्षेत्र में अपने सेवा प्रारूपों को सुचारू रूप से उन्नत कर रही है :
शिक्षा क्षेत्र में हिन्दी के प्रयोग को बढ़ावा देना :
- प्राथमिक-माध्यमिक-उच्च माध्यमिक विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक स्तर पर, हिन्दी में गुणवत्तापूर्ण पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराने हेतु सरकारी व गैर-सरकारी स्तर पर प्रयास करना।
- विज्ञान, गणित, प्रौद्योगिकी और अन्य विषयों की उन्नत सामग्री हिन्दी में तैयार करने हेतु प्रयास करना।
तकनीक और डिजिटल माध्यम में हिन्दी को बढ़ावा देना :
- हिन्दी में वेबसाइट्स, ऐप्स, और डिजिटल सामग्री को प्रोत्साहित करना।
- मशीन ट्रांसलेशन, स्पीच टू टेक्स्ट, वॉयस असिस्टेंट आदि में हिन्दी की विद्यमानता को बढ़ावा देना।
- सोशल मीडिया पर हिन्दी कंटेंट क्रिएटर्स को सहयोग और प्रोत्साहन देना।
प्रशासनिक और सरकारी स्तर पर हिन्दी का उपयोग :
- सरकारी कामकाज में हिन्दी का उपयोग केवल औपचारिकता न होकर व्यवहारिक रूप से प्रयोग हेतु प्रोत्साहित करना।
- न्यायालयों और सरकारी दस्तावेजों में स्पष्ट, सरल और सुलभ हिन्दी का प्रयोग हेतु प्रयास करना।
- हिन्दी-दिवस जैसे आयोजनों को केवल प्रतीकात्मक न बनाकर व्यावहारिक योजनाओं से जोड़ना।
सांस्कृतिक व साहित्यिक क्षेत्र में हिन्दी भाषा को समर्थन :
- हिन्दी में सम्मेलन, संगोष्ठी, समूह विचार-विमर्श, चर्चा एवं कवि-सम्मेलन जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करना।
- हिन्दी भाषा के युवा लेखकों, कवियों और कलाकारों को अवसर और मंच उपलब्ध कराना।
- हिन्दी के विद्वानों और साहित्यकारों को सम्मानित / पुरस्कृत करना।
- हिन्दी साहित्य यथा - कविता, उपन्यास, नाटक और हिन्दी-भाषी फिल्मों को प्रोत्साहन उपलब्ध कराना।
- ग्रामीण और स्थानीय भाषाओं व बोलियों से जुड़ी हिन्दी साहित्यिक परंपराओं को मंच उपलब्ध कराना।
- भाषा-वैज्ञानिकों / भाषाविदों के संभाषण और आलेख - मासिक, त्रैमासिक और वार्षिक पत्रिका के माध्यम से प्रकाशित करना।
हिंदी भाषा के प्रति जन-जागरूकता और गर्व का भाव जागृत करना :
- जन-गण में हिन्दी के प्रति सम्मान और गर्व का भाव जागृत करना।
- "हिन्दी बोलने में शर्म" जैसी मानसिकता को तोड़ने के लिए सामाजिक अभियान चलाना।
- स्कूलों, कॉलेजों और मीडिया के माध्यम से हिंदी की महत्ता प्रसारित करना।
- समय-समय पर सभी आयु-वर्ग, पेशेगत् वर्ग, व्यावसायिक वर्ग और श्रमकुशल वर्ग के लिए हिंदी की कार्यशाला आयोजित करना।
- हिन्दी विषय से संबंधित विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण सत्र अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हाइब्रिड मूड (ऑनलाइन एवं ऑफलाइन) में संचालित करना।
- हिन्दी भाषा से संबंधित शैक्षणिक पुस्तकालयों की स्थापना करना।
- दूर-दराज के गांव, कस्बों तथा वंचित क्षेत्र एवं वंचित वर्ग के लिए चलायमान शैक्षणिक पुस्तकालयों की व्यवस्था करना।
व्यावसायिक और रोजगार क्षेत्र में हिंदी का विस्तार के प्रयास :
- हिन्दी भाषा को रोजगार की भाषा के रूप में स्थापित करना।
- कॉर्पोरेट और प्राइवेट सेक्टर में हिन्दी के प्रयोग को सहज बनाना।
- हिन्दी में व्यावसायिक प्रशिक्षण सामग्री तैयार करने हेतु प्रयास करना।
- हिन्दी भाषी युवाओं को उनकी भाषा में प्रशिक्षण और अवसर प्रदान करना।

आदरणीय भारत वासियों भाई एवं बहनों मैं हृदय नारायण मिश्रा राष्ट्रीय चेयरमैन एवं संस्थापक अंतरराष्ट्रीय हिंदी परिषद का गठन 2014 फरवरी माह में किया गया था परिषद का गठन मानव सेवा समाज सेवा देश सेवा एवं हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए किया गया है परिषद का प्रधान कार्यालय का उद्घाटन आदरणीय श्रीमान लोकेंद्र बहादुर चंद्र जी पूर्व प्रधानमंत्री नेपाल देश के कर कमलों द्वारा किया गया है आप नेपाल से 22 सदस्यों के साथ उपस्थित होकर परिषद के कार्यालय का उद्घाटन किए एवं हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए अपना आशीर्वाद प्रदान किए हृदय नारायण मिश्रा अपने पदाधिकारियों के साथ मिलकर आदरणीय प्रधानमंत्री जी का भव्य स्वागत प्रधान कार्यालय में किए परिषद द्वारा हमेशा समाज सेवा में उत्कृष्ट कार्य किए जा रहे हैं परिषद का गठन भारत वर्ष के लगभग 22 राज्यों में किया जा चुका है लोग श्रद्धा भक्ति के साथ हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए परिषद का सहयोग दे रहे हैं और समाज की सेवा में परिषद हमेशा बढ़ चढ़कर कार्य कर रहा है
परिषद का प्रमुख उद्देश्य है
- हिंदी को राष्ट्रीय भाषा घोषित किया जाए वह एक विषय के रूप में पूरे भारतवर्ष में प्रत्येक स्कूल कॉलेजों में पढ़ाया जाए
- महिलाओं पर हो रहे घरेलू हिंसा व अत्याचार एवं कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए प्रत्येक घर के लोगों को जागृत करना पुरुषों में जागरूकता लाना
- मेधावी निधि और सहाय छात्रों को सहयोग प्रदान करना
- अनाथ माता-पिता को सहयोग प्रदान करवाना
- वृक्षारोपण आसपास सफाई रखने के लिए लोगों को जागृत करना
- असहाय परिवार के कन्याओं के विवाह हेतु सहायता प्रदान करवाना
- समय-समय पर रक्तदान शिविर लगाकर लोगों को रक्तदान करने के लिए उत्साहित करना
- अनाथ विकलांग बच्चों को छात्रों को उनके सुविधा के लिए स्कूल बैग एवं स्टेशनरी एवं साइकिल प्रदान करवाने का कार्यक्रम करना
- जरूरतमंद लोगों को समय-समय पर वस्त्र वितरण करना
- हिंदी को आगे बढ़ाने के लिए माध्यमिक उच्च माध्यमिक विद्यालयों को परीक्षा के समय कोचिंग क्लास करके उनका सहयोग करवाना
- छात्राओं के शिक्षा पर विशेष सहयोग प्रदान करना एवं अति विशिष्ट लोगों से सहयोग करवाना
- अस्पतालों में जाकर असहाय मरीजों को खाद्य सामग्री फल दवाई इत्यादि वितरण करवाना
- गंगा प्रदूषण व गंदगी ना करने के लिए लोगों को जागृत करना
- सत्य अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए देशवासियों को जागृत करना आदि अनेक उद्देश्यों के साथ अंतरराष्ट्रीय हिंदी परिषद पूरे भारतवर्ष में गठन करने का बीड़ा उठाया है जन-जन तक हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है परिषद में हर राज्य में जिला में वार्ड में गठन करके सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया जाता है कि आप अधिक से अधिक लोगों को जोड़ें उन्हें हिंदी के बारे में अवगत कराएं प्रत्येक राज्य के राज्यपाल महोदय को हिंदी के लिए ज्ञापन देना मुख्यमंत्री को अवगत कराना यह परिषद का मूल उद्देश्य है जिससे हमारा देश एक पूर्ण स्वतंत्र देश होने के कारण हिंदी को राष्ट्रभाषा अवश्य बनाना चाहिए यह उद्देश्य के साथ परिषद लगातार आगे बढ़ता चला जा रहा है
मुख्य अनुभाग
संस्था का परिचय
“अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी परिषद्” एक स्वतंत्र संस्था है जो शिक्षण, प्रशिक्षण, अनुसंधान और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से हिन्दी को विश्वस्तर पर बढ़ावा देने के लिए कार्यरत है।
मुख्य उद्देश्य
हिन्दी को भारत की राष्ट्रभाषा एवं विश्व की संपर्क भाषा बनाना।
शिक्षण और तकनीकी क्षेत्रों में हिन्दी को सशक्त करना।
हिन्दी साहित्य, कला और संस्कृति का अंतर्राष्ट्रीय प्रचार।
तीव्र लिंक कार्ड्स
- शिक्षा में हिन्दी
- डिजिटल माध्यम में हिन्दी
- प्रशासन में हिन्दी
- साहित्य और संस्कृति
कार्यक्रम एवं आयोजन
हमारे अभियान से जुड़ें - हिन्दी को आगे बढ़ाएँ।
हमारी उपस्थिति
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